तेरा -स्पर्श
संवेदना मै ..
निंदमे स्वप्न मै ..
श्वासमे प्राण भी मै !
समय की धारा में
बूंद -बूंद लम्हा मै .
उदासी के भीतर ;
छोटी सी हँसी मै हू ..
पथ पर हो तेरे पाँव ...
जहा -जहा ...
मेरी अंतिम शरण
वहा -वहा
'तू' -''मै ''का ना हो
फासला ..चलो ''अपना''
बनाए घोसला .....
रेखा -जोशी .14-2-1913
HAPPY VALENTINE"S DAY.
No comments:
Post a Comment